Ruins of a Jungle

Ruins of a Jungle, Tarun Chandel Photoblog

रूखा सूखा थका हारा जब मैं वहां पहुंचा
सोचा था कुछ देर आराम करूंगा उस पेड के नीचे
पर इस सूरज ने तो मेरे हिस्से की छाँव भी जला दी
थका हूँ तो क्या... अभी हारा हूँ तो क्या...
चलो अब इस सूरज से ही दौड़ लगाते हैं... देखते हैं कब तक ये जलेगा
शाम बस होने को है

Tarun Chandel

0 comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Follow Tarun Chandel Photography on Instagram Follow Tarun Chandel Photography on Facebook Follow Tarun Chandel Photography on Twitter Subscribe to Tarun Chandel Photography RSS